लोकेशन - राजनांदगांव डोंगरगढ़
👉अवैध ईट भट्टे पर कार्यवाही
राजनांदगांव जिले में लम्बे समय से डोंगरगढ़ विकाखंड के आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों में बेखौफ हो कर राजस्व विभाग एवम् खनिज विभाग को ठेंगा दिखाते हुए अवैध रेत, मुर्म खनन एवम् लाल ईट का निर्माण कारोबारियों द्वारा किया जा रहा है जो कि चिंता का विषय बना हुआ है क्योंकि इससे सीधे प्राकृति को नुकसान इन लोगों के द्वारा पहुंचाया जा रहा है । हरे भरे वृक्ष , फलदार वृक्ष की कटाई कर अवैध कारोबारी लाल ईट भट्टे का निर्माण करते आ रहे हैं।
लाल ईट निर्माण शासन - प्रशासन द्वारा है पूर्णतः प्रतिबंधित
जबकि शासन प्राकृति को बचाने एक पेड़ मां के नाम से पेड़ लगाने में जुटी हुई है क्योंकि हमारी जलवायु अत्यधिक पेड़ काटने के कारण प्रभावित होते जा रही है। इसका परिणाम पानी का स्तर भी बहुत नीचे होते जा रहा है जो कि भविष्य का सबसे बड़ा संकट होगा। शासन प्रशासन योजनाओं के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का भी काम कर रहे है।सूत्रों की माने तो सभी क्षेत्रों में हल्का पटवारी होते हैं और उनको सारे अवैध ईट भट्टे, रेत मुर्म खनन की जानकारी होते हुए भी इसका रोक थाम नहीं करते हैं। जिससे अवैध कारोबारीयो का मनोबल बढ़ा हुआ होता है जब कोई शिकायत उच्च अधिकारियों को करते हैं तब प्रशासन आनन फानन में खाना पूर्ति करने किसी एक कारोबारी पर कार्यवाही करते हैं। कार्यवाही भी क्या सिर्फ़ फाइन काट कर अवैध कारोबारियों को छोड़ दिया जाता है और उनके द्वारा बनाए ईट को भी उन्हें सौप देते हैं, फिर वह लाल ईट मोटी रकम में बेच दिया जाता है। जबकि अवैध कारोबार करने वाले प्राकृति को लगातार नुकसान पहुंचाते आ रहे हैं। इतना ही नहीं शहर के भीतर कई शासकीय कार्यालयों के सामने से ही ट्रैक्टर की ट्रॉली से भरी रेत, मुर्म ईट लेकर गुजरते हैं। प्राकृति को नुकसान पहुंचाने वाले इन अवैध कारोबारियों पर कार्यवाही शासन प्रशासन को नया नियम ला कर सीधे जेल भेजना चाहिए ना की खाली खाना पूर्ति करते हुए इनको फाइन काट कर जब्ती बनी लकड़ी, ईट, रेत, मुर्म को पुनः सौंपना नहीं चाहिए।
डोंगरगढ़ एसडीएम अभिषेक तिवारी ने मीडिया के माध्यम से अवैध कारोबारियों पर कड़ी कार्यवाही करने की बात कही है कानूनी प्रावधान में जितनी बड़ी और कड़ी कार्यवाही होगी वो सब करने की बात भी कही है।
👉 बहरहाल अब देखना यह है की क्या सच में कड़ी कार्यवाही अवैध रेत, मुर्म, ईट के कारोबारियों पर होती है या फिर से कार्यवाही के नाम पर खाना पूर्ति होगी।
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