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Durgkondal: झिटकाटोला में कलवर माइंस प्रबंधन के खिलाफ ग्रामीणों का 12वें दिन भी धरना जारी*

 *झिटकाटोला में कलवर माइंस प्रबंधन के खिलाफ ग्रामीणों का 12वें दिन भी धरना जारी*


*रोजगार और मूल सुविधाओं की मांग पर अडिग ग्रामीण, प्रशासन की निष्क्रियता पर नाराज़गी*



दुर्गूकोदल।विकासखंड दुर्गूकोदल के ग्राम झिटकाटोला में स्थानीय ग्रामीणों का 12वें दिन भी कलवर माइंस प्रबंधन के खिलाफ धरना-प्रदर्शन जारी रहा। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षो से माइंस संचालन के दौरान क्षेत्र के जल, जंगल और प्राकृतिक संसाधनों का भारी उपयोग किया गया, लेकिन गाँव के विकास, आधारभूत सुविधाओं और स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में प्रबंधन द्वारा कोई ठोस पहल नहीं की गई।ग्रामीणों ने बताया कि माइंस से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से होने वाले परिवहन, विस्फोट, धूल और शोर का असर सबसे अधिक स्थानीय पर्यावरण और ग्रामीणों के स्वास्थ्य व जीवनयापन पर हो रहा है। इसके बावजूद न तो माइंस प्रबंधन और न ही प्रशासन ने सड़क, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण या अन्य आवश्यक संसाधनों के विकास में सहयोग किया।

ग्रामीणों का आरोप है कि CSR (कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व) के तहत गाँव को मिलने वाले लाभों की लगातार अनदेखी की गई। वहीं स्थानीय युवाओं को रोजगार देने की बात वर्षों से केवल कागज़ों और वादों में ही सीमित रह गई।धरना स्थल पर ग्रामीणों ने कहा कि हम अपने अधिकारों की मांग कर रहे हैं, किसी से भीख नहीं। जब हमारी भूमि, हमारे जंगल और हमारी मेहनत का इस्तेमाल किया गया है, तो गाँव के विकास और रोजगार की जिम्मेदारी भी माइंस प्रबंधन की बनती है।”

ग्रामीणों ने यह भी बताया कि पिछले 12 दिनों के आंदोलन में न तो बीएसपी प्रबंधन, न कंपनी प्रतिनिधि, और न प्रशासनिक अधिकारी किसी प्रकार की बातचीत या समाधान लेकर आगे आए। इस कारण आक्रोश बढ़ता जा रहा है।धरना में उपस्थित ग्रामवासी:लच्छूराम ध्रुव, रूपसिंह जैन, सनेसिंग उसेंडी, शिवलाल सलाम, शत्रुघन दुग्गा, शकुंतला ताराम, कुमेश नेताम, बरातू भोयार, कमलेश जैन, फुलकुंवर टांडिया, नवल ताराम सहित दर्जनों ग्रामीण उपस्थित रहे।ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन और माइंस प्रबंधन तत्काल खुली बैठक आयोजित कर रोजगार और विकास कार्यों पर लिखित समझौता नहीं करता है, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।

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