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Durgkondal: धान की फसल के बावजूद रकबा शून्य दर्ज, किसानों में रोष,तहसीदार को सौंपा ज्ञापन

 धान की फसल के बावजूद रकबा शून्य दर्ज, किसानों में रोष,तहसीदार को सौंपा ज्ञापन 



दुर्गूकोंदल।तहसील दुर्गूकोंदल अंतर्गत ग्राम जाड़ेकुर्से, महेंद्रपुर तथा सटेली में इस वर्ष की गिरदावरी प्रक्रिया को लेकर किसानों में गहरा असंतोष देखने को मिल रहा है। किसानों का आरोप है कि उनके खेतों में इस समय धान की फसल खड़ी है, परंतु राजस्व अभिलेखों में गिरदावरी रकबा शून्य दर्ज कर दिया गया है, जिससे भविष्य में धान खरीदी, बीमा, मुआवजा और अन्य कृषि लाभ से उन्हें वंचित होने की आशंका है।स्थानीय किसानों ने बताया कि उन्होंने कर्ज लेकर खेतों में धान की फसल तैयार की है। खेतों में बोवाई से लेकर सिंचाई, खाद और मजदूरी पर उन्होंने मेहनत एवं धन खर्च किया है। लेकिन राजस्व विभाग द्वारा गिरदावरी के दौरान फसल क्षेत्र को रिक्त या खाली अंकित कर दिया गया। किसानों का कहना है कि यह अन्यायपूर्ण और गंभीर त्रुटि है, जिसे तत्काल सुधारा जाना चाहिए। किसान एवं भाजपा नेता सियाराम जैन ने कहा किसान अपनी मेहनत और ऋण के भरोसे खेती करता है। परंतु गिरदावरी में षड्यंत्रपूर्वक रकबा खाली दर्ज कर दिया गया है। यह गलती नहीं बल्कि किसानों के अधिकारों पर सीधा आघात है। हम सभी किसानों के साथ इस मामले में ज्ञापन सौंपकर सुधार की मांग किए हैं। यदि यह केवल त्रुटि है तो तुरंत संशोधन हो, और यदि इसमें जानबूझकर गड़बड़ी पाई जाती है तो गिरदावरी की जांच कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई हो।किसानों ने यह भी कहा कि यदि समय रहते सुधार नहीं किया गया तो धान की खरीदी में पंजीयन और समर्थन मूल्य का लाभ प्रभावित होगा, जिससे किसान और अधिक आर्थिक संकट में घिर जाएगा।किसानों के अनुसार गिरदावरी रिकॉर्ड से किसानों की कृषि पहचान, पैदावार, ऋण पात्रता, बीमा और मुआवजा तक सीधे प्रभावित होती है, इसलिए यह मामला अत्यंत गंभीर है।किसानों ने तहसीलदार दुर्गूकोंदल को ज्ञापन सौंपते हुए माँग की है कि संबंधित गाँवों में गिरदावरी की पुनः जाँच कराई जाए।खेतों में वास्तविक धान फसल की स्थिति का राजस्व अमला मौके पर सत्यापन करे।रिकॉर्ड में रकबा सही ढंग से दर्ज किया जाए।किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर शीघ्र कार्रवाई नहीं हुई, तो वे संगठित आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।

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