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Gariyaband: झाखरपारा के जांच प्रतिवेदन में देरी क्यों? जांच दल पर उठ रहे हैं सवाल*

 *झाखरपारा के जांच प्रतिवेदन में देरी क्यों? जांच दल पर उठ रहे हैं सवाल* 


रिपोर्टर --जयविलास शर्मा 


*पन्द्रह दिवस के भीतर कारवाई नहीं हुती तो ग्रामीण प्रभारी मंत्री से करेंगे शिकायत 



गरियाबंद --पंचायत के आउट आफ शोर्सेस बाजार ठेका की राशि और विकास मद 15 वें वित्त में बंदरबांट करने को लेकर सुर्खियां बटोर रहा देवभोग ब्लाक के झाखरपारा ग्राम पंचायत में ग्रामीण अब जांच पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। कलेक्टर को 13 बिन्दुओं में शिकायत के बाद शिकायत की जांच करने जनपद की टीम ग्राम पंचायत झाखरपारा पहुंची थी,जांच कर दल को वापस लौटे पांच दिन हो गये पर ना जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत हो सका ना ही शिकायत मामले पर कोई कारवाई हुयी,अब ग्रामीण निष्पक्ष जांच और कारवाई पर सवालिया निशान लगा रहे हैं ग्रामीणों का कहना है जब शिकायत पर जांच हो गयी तो प्रतिवेदन और कारवाई में देरी क्यों?


*पन्द्रह दिन के भीतर कारवाई नहीं हुयी तो प्रभारी मंत्री से मिलेंगे ग्रामीण*


शिकायत पर कारवाई ना होने को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश इतना  है की 15 दिवस के भीतर सरपंच सचिव पर कारवाई नहीं होती है तो ग्रामीण शिकायत को लेकर प्रभारी मंत्री दयालदास बघेल से मिलकर शिकायत करने वाले है। ग्रामीणों का आरोप है सरपंच छायाकांत सोनवानी और सचिव अर्जुन नायक ने बाजार ठेके की अतिरिक्त इनकम राशि और 15वें वित्त विकास मद का बंदरबांट किया है और इस मामले में शिकायत जांच के बाद भी अभी तक कारवाई नहीं हो रही है जो लिपापोती के अंदेशा को पैदा कर रहा है।


*निष्पक्ष जांच पर उठ रहे हैं कई सवाल*


*सवाल1*--शिकायत के 13 बिन्दुओं में बाजार ठेके और 15वें वित्त विकास मदों की  जांच क्यों नहीं हुयी?


*सवाल नं -2*--सरपंच जनवरी 2025 को चुने गये पर 23 नवम्बर का तिथि अभी आया नहीं और ग्राम पंचायत ने मितानीन दिवस में  15 हजार खर्च कैसे कर दिये?


*सवाल नं -3*--जांच को पांच दिन हो गये प्रतिवेदन प्रस्तुत क्यों नहीं किया गया और अब तक पंचायत पर  कोई कारवाई क्यों नहीं हुआ?


*सवाल नं -4*--कलेक्टर गरियाबंद के निर्देश पर गठित जांच दल में उसी पंचायत में पदस्थ तकनिकी सहायक शामिल क्यों?


*सवाल नं 05*--शिकायत के  13 बिन्दुओं पर बिन्दुबार जांच क्यों नहीं हुयी?


*सवाल नं 06*--चालीस पंचायतों के जांच की तरह लंबित तो नहीं हो जायेगा?


*जिन पर भौतिक सत्यापन और मूल्यांकन की जिम्मेदारी उन्हें जांच अधिकारी बनाया गया*


कलेक्टर के निर्देश के बाद जनपद पंचायत देवभोग झाखरपारा पंचायत में ग्रामीणों के शिकायत पर जिस जांच को करा रही है वहां जांच टीम में उन्हें शामिल किया जिन्हें भौतिक सत्यापन और मूल्यांकन करना है।जांच अधिकारी राधाकृष्ण शर्मा जनपद पंचायत के आर ईएस एसडीओ है जिनके ऊपर कार्यों के भौतिक सत्यापन की जिम्मेदारी है वहीं इसी जांच टीम में इसी पंचायत के प्रभार वाले तकनिकी सहायक योगेश सेन है जिनको मूल्यांकन करना है ऐसे में ग्रामीणों  का मानना है जांच प्रभावित हो सकता है हालांकि एसडीओ शर्मा ने कहा अभी तक भौतिक सत्यापन नहीं किया गया और  कार्यों की गड़बड़ी की स्थिति में बकाया भुगतान पर रोक लगा दी जायेगी।


*सचिव अर्जुन नायक पर विकास मद के दुरपयोग मामले पर पहले भी निलंबन का दाग*


पंचायत सचिव अर्जुन नायक जहां भी पदस्थ होते है वहां महाभारत छिड़ जाता है ऐसे ही वर्ष 2021-22 में पुरनापानी पंचायत के अतिरिक्त प्रभार वाले कार्यकाल में 15वें वित्त विकास मद में 4 लाख रूपये दुरुपयोग मामले पर निलंबित हो गये थे मामले पर पुरनापानी सरपंच को पंचायत विहित अधिकारी तत्कालीन एसडीएम ने जेल भेज दिया था,उस समय झाखरपारा सचिव का पदस्थ पंचायत था।बहाली के बाद अभी भी अनुविभागीय न्यायलय में मामला लंबित है।

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