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Kondagaon: भाजपा के ट्रंप कार्ड में फंसी कांग्रेस*

 *भाजपा के ट्रंप कार्ड में फंसी कांग्रेस*


 *नीलकंठ टेकाम के भाजपा प्रवेश से पार्टी में उत्साह*


 *राज शार्दुल*


कोंडागांव---  छत्तीसगढ़ में निकट भविष्य में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं यहां भाजपा ने 21 विधानसभा के लिए पहली सूची जारी कर सबको चौंका दिया है। वहीं सूची जारी होने के पश्चात बाकी बचे विधानसभाओं में दावेदारों में हड़कंप की स्थिति है कि पता नहीं कब दूसरी सूची जारी हो जाए और वह अपनी काबिलियत तक न दिखा पाएं क्योंकि जो सूची पहले जारी हो चुकी है वहां कब सर्वे हुआ और दावेदारों ने कब दावेदारी की इसका किसी को पता भी नहीं है। टिकट के दावेदार एवं उनके समर्थक अब अचानक सक्रिय हो गए हैं। नीलकंठ टेकाम का भाजपा प्रवेश को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है। सूत्रों के टेकाम जी प्रधानमंत्री या गृह मंत्री के आगमन पर धमाकेदार प्रवेश का कार्यक्रम बना रखे थे किंतु इस बीच गृह मंत्री अमित शाह जी छत्तीसगढ़ आकर चले गए और टेकाम जी अपनी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति में ही फंसे रहे। बताया जा रहा है कि जैसे ही पहली सूची जारी हुई तो उनको भी भाजपा हाई कमान ने सुझाव दिया कि अब स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति की प्रतीक्षा करते रहोगे तो देर हो जाएगी उनके समर्थकों ने भी उन्हें यही सुझाव दिया कि अब देर करना उचित नहीं ।तत्पश्चात भाजपा नेताओं के सहयोग से केन्द्र सरकार से सेवानिवृत की प्रक्रिया पूरी की गई। 






 तत्पश्चात बुधवार को आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन केशकाल में उनका भाजपा प्रवेश हुआ जहां उन्होंने सैकड़ो समर्थकों के साथ भाजपा प्रवेश किया। उनके इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से भाजपा प्रदेश प्रभारी ओम माथुर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह सहित कई बड़े नेता उनके उत्साहवर्धन के लिए मौजूद रहे।


 *लटक गए बाकी दावेदारों के चेहरे*



 केशकाल विधानसभा में भाजपा में लगभग दर्जन भर महिला एवं पुरुष दावेदार टिकट की लाइन में खड़े हैं। टेकाम जी के इस कार्यक्रम से उनके चेहरे लटक गए अब कुछ लोग दबी जुबान से नाराजगी व्यक्त करते हुए कह रहे हैं कि वर्षों से वह पार्टी की सेवा करते आ रहे हैं। दरी बिछाने से लेकर हर कार्य उन्होंने पार्टी के लिए किया और उन्हें दरकिनार कर दिया गया है। यह कार्यकर्ताओं के लिए अच्छा संदेश नहीं है। 



अभी किसी का टिकट फाइनल नहीं हुआ है महज अभी नीलकंठ टेकाम का भाजपा प्रवेश ही हुआ है इसके बाद भी दावेदारों में जो हड़कंप की स्थिति है वह देखने लायक है।


 *कौन है नीलकंठ टेकाम*



 नीलकंठ टेकाम मूलतः अंतागढ़ के रहने वाले हैं जो कोंडागांव में बतौर कलेक्टर रहकर अपनी सेवाएं दे चुके हैं उनकी प्रारंभिक शिक्षा दीक्षा उनके गृह ग्राम अंतागढ़ में ही हुआ तत्पश्चात उन्होंने कांकेर महाविद्यालय में समाजशास्त्र में एमए किया। उसके बाद में लोक सेवा आयोग की परीक्षा में अनुसूचित जनजाति वर्ग से टॉपर में रहे जगदलपुर में उन्होंने 6 साल तक एसडीएम पद पर रहकर प्रशासनिक सेवा दी थी कोंडागांव जिले में कलेक्टर के पद पर रहकर उन्होंने सबसे अलग ढंग से कार्य करने का प्रयास किया और वह इसमें काफी सफल भी रहे। उन्होंने अत्यंत सुदूर अंचल एवं नक्सल क्षेत्र में सड़क बनाने एवं वहां के लोगों को मूल धारा में जोड़ने का प्रयास किया उनके इस प्रयास से ग्रामीणों में खुशी दिखी। यह अलग बात है कि उनके कार्य को सही ढंग से अमली जामा पहनाने में अन्य विभाग के लोग गंभीर नहीं थे जिसके चलते कार्य में लापरवाही दिखी तथा कलेक्टर रहते उनकी बदनामी भी हुई थी। किंतु वह अपने कार्य में लगातार लगे रहे तथा ग्रामीणों को अपने साथ सीधे जोड़ते रहे उनका अत्यंत सुदूरांचल के ग्रामीणों से सीधा संपर्क था। इसके अलावा वे अलग-अलग जाति वर्ग के लोगों से बैठकें कर उनके सामाजिक कार्यक्रमों में भी बराबर भाग लेते रहे। जब वे यहां से कलेक्टर पद से हटाए गए तब भी क्षेत्र के लोगों से उनका जीवंत संपर्क बना रहा तथा आदिवासियों के परंपरागत त्योहारों एवं अन्य कार्यक्रमों में भी वे शिरकत करते रहे। इससे लोगों में यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि देर सबेर वे राजनीति में जरूर आएंगे और इसी क्षेत्र से वे राजनीति मे आगाज करेंगे। लोगों का यह अनुमान सही हुआ और उन्होंने भाजपा में प्रवेश किया तथा अब उन्हें टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। सूत्रों की माने तो उनका टिकट फाइनल बताया जा रहा है। केशकाल विधानसभा से यदि वे चुनाव लड़ते हैं तो यह चुनाव बेहद रोमांचक होने की उम्मीद बताई जा रही है। यहां विधानसभा उपाध्यक्ष एवं विधायक संतराम नेताम काफी सक्रिय विधायकों में से माने जाते हैं तथा उनके टक्कर में भाजपा एवं अन्य किसी भी पार्टी में कोई प्रत्याशी नहीं मिल रहा था शायद इसी के चलते नीलकंठ टेकाम को भाजपा ने मैदान पर उतारने का सोचा है।

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