धर्मांतरण के बढ़ते मामलों पर मूल निवासी समाज की चिंता, ग्राम सभा से प्रस्ताव पारित कर तहसीलदार को राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा
दुर्गूकोंदल।दुर्गूकोंदल विकासखंड के ग्राम कोडेकुसे में मूल निवासी समुदाय (ST, SC एवं OBC) के प्रतिनिधियों, ग्राम स्तरीय जनप्रतिनिधियों, बुज़ुर्गों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं ग्रामीणों की उपस्थिति में विशेष ग्राम सभा का आयोजन किया गया। इस सभा में धर्मांतरण से उत्पन्न हो रहे सामाजिक एवं सांस्कृतिक प्रभावों पर चिंतन किया गया तथा समुदाय की सामूहिक सहमति के आधार पर एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया गया।सभा की अध्यक्षता ग्राम सरपंच श्रीमती साधना सहारे ने की। इसमें जगत राम दुग्गा, रामचंद्र कल्लो, देवेंद्र टेकाम, रतन कोवाची, नागसाय तुलावी, साधना सहारे, रघुनंदन गोस्वामी, तुकाराम पटेल, सियाराम उयका, लल्लू पुडो, रामलाल जैन सहित कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे। वक्ताओं ने कहा कि पाँचवीं अनुसूचित क्षेत्र में रहने वाली जनजातीय एवं मूल निवासी समाज की अपनी परंपरा, देवी-देवता, पूजा पद्धति एवं सांस्कृतिक पहचान है, जो सदियों से समुदाय के जीवन और सामाजिक व्यवस्था का आधार रही है।वक्ताओं ने कहा कि हाल के समय में कुछ ग्रामों में बिना ग्राम सभा और प्रशासनिक अनुमति के धर्मांतरण से संबंधित गतिविधियाँ, प्रार्थना सभाएँ और प्रचार कार्यक्रम आयोजित होने के आरोप सामने आ रहे हैं, जिससे स्थानीय आस्था, पारिवारिक संबंध औरसामाजिक एकता में तनाव की संभावनाएँ बढ़ सकती हैं।सभा में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित किया गया कि,पाँचवीं अनुसूचित क्षेत्र में किसी भी नए धार्मिक प्रार्थना स्थल, उपासना केंद्र या धार्मिक प्रचार-प्रसार गतिविधि को ग्राम सभा की पूर्व अनुमति और प्रशासनिक स्वीकृति के बिना संचालित न किया जाए।
प्रतिभागियों ने स्पष्ट किया कि यह प्रस्ताव किसी धर्म या समुदाय के विरोध में नहीं, बल्कि पारंपरिक सांस्कृतिक पहचान की सुरक्षा और शांतिपूर्णसहअस्तित्व बनाए रखने के उद्देश्य से पारित किया गया है।वक्ताओं ने यह भी कहा कि संविधान का अनुच्छेद 25 धार्मिक स्वतंत्रता प्रदान करता है, लेकिन लालच, प्रलोभन या दबाव देकर धर्मांतरण कराना कानूनी रूप से दंडनीय है, इसलिए समाज को सतर्क रहने की आवश्यकता है।सभा का नेतृत्व अशोक रावटे, रघुनंदन गोस्वामी, तुकाराम पटेल, लल्लू पुडो, धनसिंह पुगाटी, सियाराम उयका, छन्नूराम प्रधान, रामलाल जैन ने किया।संरक्षक के रूप में रामचंद्र कल्लो (उपाध्यक्ष गोंडवाना समाज), जगत राम दुग्गा (सर्व आदिवासी समाज संरक्षक), देवेंद्र टेकाम (सदस्य जिला पंचायत), रतन सिंह कोवाची (पूर्व अध्यक्ष), नागसाय तुलावी (सह सचिव सर्व आदिवासी समाज), सरपंच साधना सहारे, जनपद सदस्य अमृता कोटिंगल एवं क्षेत्र समस्त सरपंच गायता पटेल ग्रामीण वरिष्ठ नागरिक जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीण बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।सभा के उपरांत राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा गया, जिसमें पारित प्रस्ताव पर कानूनी एवं प्रशासनिक विचार की मांग की गई है।

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