*भारत भ्रमण से लौटे प्रतिभागियों ने 178वीं वाहिनी सीमा सुरक्षा बल से अनुभव साझा किया*
दुर्गूकोंदल।16वें आदिवासी आदान-प्रदान कार्यक्रम के अंतर्गत 178वीं बटालियन सीमा सुरक्षा बल द्वारा दुर्गकोंदल, गुमरीडी, कोडोगांव, डंगरा, बंगाचर, पटेलपारा, मेडो, नेवारी खेड़ा, कापसी, कोवाचिकटेल, कोदापाखा, वाटिनटोला, भुस्की, पुरोमिचगांव, हुलघट और आसपास के दूरदराज़ ग्रामीण इलाकों से चयनित 20 छात्र-छात्राओं को 17 मार्च से 23 मार्च 2025 तक वाराणसी (उत्तर प्रदेश) का शैक्षिक भ्रमण कराया गया। 18 से 22 वर्ष की आयु वर्ग के ये छात्र-छात्राएं विभिन्न स्थानीय कॉलेजों और स्कूलों में अध्ययनरत हैं।
भ्रमण के बाद, 25 मार्च 2025 को ये छात्र-छात्राएं दुर्गकोंदल स्थित 178वीं वाहिनी मुख्यालय लौटे और सीमा सुरक्षा बल के अधिकारियों के साथ अपने यात्रा अनुभवों को साझा किया। इस अवसर पर कमांडेंट श्री रवि भूषण ; श्री जे.आर कुजूर, द्वितीय कमान अधिकारी; श्री शैलेन्द्र शर्मा ,द्वितीय कमान अधिकारी; श्री गुरचरण सिंह, उप समादेष्टा; डॉ. अंकित, सहायक समादेष्टा; डॉ.रवि कुमार सहायक समादेष्टा; श्री मनोज, सहायक समादेष्टा तथा अन्य अधिकारी और जवान उपस्थित थे।
यात्रा के अनुभवों को साझा करते हुए छात्रों ने बताया कि इस भ्रमण के दौरान उन्होंने न केवल देश के ऐतिहासिक और पौराणिक स्थलों को देखा, बल्कि देश के विकास और सांस्कृतिक विविधता को भी नजदीक से महसूस किया। उनका मानना था कि इस यात्रा ने उनकी सोच को एक अलग एवं व्यापक दृष्टिकोण दिया और उन्हें भारत की एकता, विविधता और सांस्कृतिक धरोहर के महत्व को बेहतर तरीके से समझने का अवसर मिला। छात्रों ने सीमा सुरक्षा बल का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस पहल के जरिए वे भारत के विभिन्न हिस्सों के अद्वितीय सौंदर्य और समृद्ध संस्कृति से परिचित हो पाए।
इसके अलावा, छात्रों ने सुझाव दिया कि भविष्य में इस प्रकार के कार्यक्रमों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों और खेलकूद प्रतियोगिताओं को भी शामिल किया जाए। इससे न केवल छात्र-छात्राओं के बीच प्रतिस्पर्धा की भावना उत्पन्न होगी। श्री रवि भूषण, कमांडेंट ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि वे ग्रामीणों को विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में अवगत कराएं साथ ही अन्य युवाओं को देश के विकास में भागीदारी करने हेतु प्रेरित करे।
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