आरएएमपी योजना के तहत ई-मार्केटिंग पर कार्यशाला — उद्यमियों को मिली ऑनलाइन बाजार से जुड़ने की जानकारी
संवाददाता - मंदीप सिंह चौरे खैरागढ़
खैरागढ़:जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र खैरागढ़-छुईखदान-गंडई द्वारा आरएएमपी योजना के अंतर्गत “ई-मार्केटप्लेस एवं डिजिटल विपणन द्वारा बाजार विकास कार्यशाला” का आयोजन जिला पंचायत सभाकक्ष में किया गया। इस कार्यशाला में एनयूएलएम (राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन) एवं एनआरएलएम (राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) के स्व-सहायता समूहों की महिलाएं, कृषक उत्पादक संगठन (एफपीसी) के प्रतिनिधि और स्थानीय उद्यमी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कार्यशाला में रायपुर से पधारे आरएएमपी टीम के मनीष अरोड़ा ने वाणिज्य एवं उद्योग विभाग, भारत सरकार तथा सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय (एमएसएमई) द्वारा संचालित आरएएमपी कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि यह योजना छोटे उद्योगों की क्षमता संवर्द्धन और बाजार सशक्तिकरण के लिए संचालित की जा रही है। साथ ही उन्होंने खाद्य प्रसंस्करण उत्पादकों के लिए आवश्यक एफएसएसएआई (FSSAI) पंजीयन प्रक्रिया की विस्तृत जानकारी दी।
सभ्य आशा प्राइवेट लिमिटेड के अभिजीत रथ ने ओएनडीसी (ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स) के माध्यम से ऑनलाइन विपणन के लाभों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि वर्तमान में इस मंच से जुड़े 350 विक्रेता मंच (प्लेटफार्म) कार्यरत हैं, जिनके माध्यम से दो अलग-अलग मंचों के खरीदार और विक्रेता सीधे लेनदेन कर सकते हैं। इसी क्रम में फ्लिपकार्ट से वरुण गोपाल कृष्ण ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रतिभागियों को ऑनलाइन विपणन के व्यावहारिक पहलुओं से अवगत कराया।
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रेम पटेल ने कहा कि जिले में उपलब्ध कच्चे माल के आधार पर स्थानीय उत्पादों जैसे टमाटर, दाल, पान, बेल, कोदो आदि के प्रसंस्करण पर विशेष ध्यान देकर ग्रामीण स्तर पर मूल्य संवर्द्धन के अवसर विकसित किए जा सकते हैं।
उद्योग विभाग के महाप्रबंधक प्रणय बघेल ने उद्यमियों को उद्यम पंजीयन, एफएसएसएआई, जीएसटी जैसे आवश्यक पंजीकरण करवाने और साथ ही उत्पाद विकास, ब्रांडिंग, पैकेजिंग एवं ग्राहक प्रतिक्रिया (फीडबैक) पर विशेष ध्यान देने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि आज के बाजार में उपभोक्ता उत्पाद की पैकेजिंग में पोषण संबंधी जानकारी (न्यूट्रिशन इंफॉर्मेशन) को भी अत्यंत महत्व देते हैं।
कार्यशाला के अंत में उद्यमियों से अनुरोध किया गया कि वे आज मिली जानकारी के आधार पर अपने उत्पादों को डिजिटल बाजार में स्थापित कर आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ाएं।



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